पीएम कुसुम योजना किसानों को टिकाऊ ऊर्जा तक पहुंच प्रदान करके कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए बनाई गई एक अभूतपूर्व पहल है. इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य मार्च 2026 तक लगभग 34,800 मेगावाट सौर क्षमता जोड़ने का है, जो ₹34,422 करोड़ की पर्याप्त केंद्रीय वित्तीय सहायता द्वारा समर्थित है.

योजना को तीन भागों में बांटा गया 

  • किसानों की भूमि पर 10,000 मेगावाट के विकेन्द्रीकृत जमीन/स्टिल्ट-माउंटेड ग्रिड-कनेक्टेड सौर या अन्य नवीकरणीय ऊर्जा-आधारित बिजली संयंत्रों की स्थापना.
  • 14 लाख स्टैंड-अलोन सौर कृषि पंपों की स्थापना.
  • फीडर-स्तरीय सोलराइजेशन सहित 35 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों का सोलराइजेशन.

ये भी पढ़ें: Solar Light: हर घर में बिजली का बिल जीरो करने की तैयारी, सोलर पैनल के लिए मिलेंगे 75 हजार रुपये

टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिलेगा

केएलके को जम्मू-कश्मीर में स्टैंड-अलोन सौर कृषि पंपों की स्थापना पर ध्यान केंद्रित करने वाली पीएम कुसुम योजना के घटक बी के लिए सूचीबद्ध विक्रेताओं में से एक होने का सम्मान मिला है. योजना का यह महत्वपूर्ण घटक पारंपरिक बिजली स्रोतों और डीजल पर किसानों की निर्भरता को काफी कम कर देगा, जिससे पर्याप्त बचत होगी और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा मिलेगा.

सोलर पंप की होगी स्थापना

जम्मू और कश्मीर में विशिष्ट आवंटन - (JAKEDA) जम्मू और कश्मीर ऊर्जा विकास एजेंसी ने घटक बी के तहत केएलके को 444 सौर पंप आवंटित किए हैं. ये सौर पंप विश्वसनीय और पर्यावरण-अनुकूल सिंचाई समाधान प्रदान करेंगे, कृषि उत्पादकता बढ़ाएंगे और किसानों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.

ये भी पढ़ें: गर्मियों में दुधारू पशुओं के लिए लाभकारी है लोबिया का चारा, एक्सपर्ट ने बताए कई सारे फायदे

कृषि क्षेत्र में होगा बदलाव

केएलके के सीईओ अक्षत जैन ने कहा कि "हम पीएम कुसुम योजना के तहत सरकार के साथ सहयोग करने के लिए उत्साहित हैं. यह पहल केवल सौर पंप स्थापित करने के बारे में नहीं है, यह जीवन को बदलने, कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने और टिकाऊ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने के बारे में है." हम यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित हैं कि पूरे जम्मू-कश्मीर के किसानों को इस अभिनव योजना का लाभ मिले."

Loading video